माता समझीं ई है इन
इहैइन
इहैइन (李海仁, 1945 ~ )
नन। कवयित्री। 1970 में मासिक “सोयोन” में बाल कविता (童詩) वर्ग में सिफारिश द्वारा पदार्पण किया। उन्होंने मुख्य रूप से दैनिक जीवन और प्रकृति आदि को विषय वस्तु बनाकर भावुक रचनाएँ लिखीं। उनकी कविता संग्रहों में “मिनदले का क्षेत्र” (1976), “मेरी आत्मा में आग लगा दो” (1979), “आज मैं अर्धचंद्र की तरह तैरती हूँ” (1983) आदि हैं।
जब सुख और दुख को तराजू में तौला जाता है, तो यदि सुख और दुख आधे-आधे होते हैं, तो तराजू नहीं हिलता, लेकिन यदि सुख 51% और दुख 49% होता है, तो तराजू सुख की ओर झुक जाता है।
सुख की शर्तों के लिए इतनी सारी चीजों की आवश्यकता नहीं होती है। हमारे जीवन में केवल 1% अधिक होने से हम सुखी हो जाते हैं।
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